Tuesday, 29 March 2016

फैक्ट्री रीसेट के जरिए स्मार्टफोन का डेटा डिलीट करें - Factory Reset in Samrtphone

फैक्ट्री रीसेट के जरिए भी आप अपने फोन से सबकुछ डिलीट कर सकते हैं, लेकिन कुछ लोग डिलीट किए हुए डेटा को भी रिकवर कर सकते हैं। अगर आप सुनिश्चित करना चाहते हैं कि डिलीट किए गए डेटा को कोई रिकवर न कर सके तो आप हार्डवेयर इनक्रिप्शन को इनेबल कर दें। ज्यादातर लोग प्वाइंट 1 और 2 को नजरअंदाज कर सीधे तीसरे प्वाइंट से शुरुआत कर सकते हैं।

1. स्मार्टफोन की सेटिंग्स में जाएं। सिक्युरिटी चुनें और इनक्रिप्ट फोन पर टैप करें। इस प्रक्रिया में ज्यादा समय लगता है, इसलिए आप अपने फोन को चार्जर से कनेक्ट कर लें।

2. एक बार फिर से इनक्रिप्ट फोन को टैप करें। कुछ लोगों ने पाया है कि यह प्रक्रिया एक बार में शुरू नहीं होती। ऐसे में आपको कुछ और बार कोशिश करनी होगी।

(इस प्रोसेस में करीब 1 घंटे लगते हैं, इसलिए  फोन को चार्ज में रखकर इंतजार करना होगा। एक बार यह हो जाए, तो आप फोन को रीसेट कर लें।)

3. सेटिंग्स में जाकर Backup & reset चुनें। फिर फैक्ट्री डेटा रीसेट चुनें। अगले स्क्रीन में Erase phone data बॉक्स को टिकमार्क करें। कुछ फोन में आप मैमोरी कार्ड से भी डेटा हटा सकते हैं इसलिए किसी बटन को टैप करने से पहले लिखे हुए निर्देश को ध्यान से पढ़ लें।

4. इसके बाद एक वार्निंग (चेतावनी) स्क्रीन आएगा। आगे बढ़ने के लिए रीसेट फोन पर टैप करें।

5. इस प्रक्रिया में कुछ वक्त लग सकता है। इसके बाद आपका फोन रीबूट होकर उस स्थिति में पहुंच जाएगा जब आपने उसे खरीदा था। आपको एक बार फिर से भाषा चुनने और साइन इन करने का निर्देश मिलेगा।

 Note : यह स्टेप्स हर फोन पर लागू नहीं होंगे। यह डिवाइस के मैनिफेकचरर और एंड्रॉयड के वर्ज़न पर निर्भर करेगा।


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डेटा बैकअप करने का तरीका - Process to take Data backup of Smartphone


 एंड्रॉयड के साथ एक अच्छी बात यह है कि आपको फोन सेटअप करने के लिए गूगल अकाउंट की जरूरत पड़ती है, और इसके साथ आपके डिवाइस का बैकअप बनना शुरू हो जाता है। बैकअप को चेक करने के लिए  दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें।


  1.   स्मार्टफोन फोन की सेटिंग्स में जाएं। 
  2.   बैकअप एंड रीसेट को चुनें।
  3.   आप Back up my data का ऑप्शन होगा ।
  4.   इसके बाद पिछले पेज पर वापस जाएं। स्क्रॉल डाउन करके अकाउंट्स ऑप्शन तक पहुंचे फिर गूगल पर  टैप करें।  
  5.  आप अपना गूगल अकाउंट देख पा रहे होंगे जिसका इस्तेमाल फोन सेटअप करने के लिए किया गया था। इसके बगल में एक ग्रीन सिंक सिंबल भी होगा। अब अकाउंट पर टैप करें।
  6.  यह सुनिश्चित करें कि सभी ऑप्शन चुने हुए हैं। इसके बाद आपके गूगल अकाउंट के जरिए कैलेंडर, कॉन्टेक्ट्स, ईमेल और फोटो, सब कुछ अपने आप ही गूगल+ पर बैकअप हो जाएंगे।


 Note : एंड्रॉयड के सभी वर्जन अपने आप ही फोटो बैकअप नहीं करते।


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मैमोरी कार्ड को फॉर्मेट करने का तरीका

 स्मार्टफोन के मैमोरी कार्ड को पूरी तरह से फॉर्मेट करने का  बहुत ही आसान  तरीका


  1.  स्मार्टफोन की  सेटिंग्स में जाएं और स्टोरेज चुनें।
  2.  नीचे की तरफ स्क्रॉल करें और Erase SD card पर टैप करें। इसके बाद आपको एक वार्निंग मैसेज मिलेगा जिसमें लिखा होगा कि ऐसा करने से आप अपना सारा डेटा खो देंगे।
  3.  इसके बाद आगे बढ़ने के लिए Erase SD card बटन पर टैप करें। अगर आपका एसडी कार्ड पासवर्ड से सिक्योर है तो आपको आगे बढ़ने के लिए PIN डालने की जरूरत पड़ेगी।


कभी कभी फॉर्मेट किए गए एसडी कार्ड से भी फाइल्स को रिकवर किया जा सकते हैं, और इस प्रोब्लम से छुटकारा पाने का आसान तरीका है ''लेयरिंग''। फॉर्मेट किए हुए कार्ड में कुछ और डेटा डाल दें, फिर उसे डिलीट करें, और इस प्रोसेस को दो-तीन बार दोहराएं। ऐसे करने से ऑरिजनल डेटा हमेशा के लिए डिलीट हो जाएगा।

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Saturday, 19 March 2016

सभी बजट स्मार्टफोन के जरूरी फीचर - The essential feature of the budget smartphone

भारतीय स्मार्टफोन बाजार में सबसे ज्यादा मांग बजट स्मार्टफोन की ही है। बजट स्मार्टफोन ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए ही बड़ी कंपनियों से लेकर चीनी हैंडसेट निर्माता भी महंगे फीचर से लैस बजट स्मार्टफोन सेगमेंट पर ध्यान दे रही हैं। बजट स्मार्टफोन सेगमेंट में चल रही रेस ने कंपनियों को एडवांस फीचर वाले स्मार्टफोन लॉन्च करने पर मजबूर भी कर दिया है।

शाओमी और एलईईको जैसे ब्रांड 12,000 से कम कीमत के स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट सेसर और क्विक चार्जिंग तकनीक जैसे प्रीमियम फीचर देकर पहले ही इस रेस में शामिल हो चुके हैं। लेकिन अभी भी कई बजट फ्रेंडली स्मार्टफोन में महंगे स्मार्टफोन वाले उन फीचर की कमी है जिसकी वजह से महंगे स्मार्टफोन ग्राहक की पसंद बनते हैं।

यहां जानें वो 5 जरूरी फीचर जिन्हें निर्माताओं को सभी बजट स्मार्टफोन में देना चाहिए।

1. फिंगरप्रिंट स्कैनर
मार्शमैलो अपडेट के साथ ही गूगल ने फिंगरप्रिंट स्कैनर समेत कई मुख्य फीचर नए जोड़े हैं। इसलिए बजट स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट स्कैनर फीचर होना जरूरी हो गया है। फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ आप सिर्फ आसानी से फोन को ही अनलॉक नही करते बल्कि आपके स्मार्टफोन को सुरक्षित भी बनाता है। फिंगरप्रिंट स्कैनर को आप अपने क्रेडिट कार्ड डिटेल के बफर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको दोबारा अपनी क्रेडिट कार्ड डिटेल ऑनलाइल नहीं डालनी होगी।



इसके अलावा फिंगरप्रिंट स्कैनर से आप बिना फोन को एक्टिव किये मनचाहे ऐप को खोल और इस्तेमाल कर सकते हैं। भारतीय बाजार में पहले ही कम दाम में एलईईको एलई 1एस, कूलपैड नोट 3 लाइट और लेनोवो के कई स्मार्टफोन फिंगरप्रिंट सेंसर के साथ मौजूद हैं। अगर कूलपैड 7,000 रुपये के फोन में फिंगरप्रिंट स्कैनर दे सकती है तो निश्चित तौर पर दूसरी कंपनियां भी ऐसा कर सकती हैं।

2. यूएसबी टाइप-सी
आने वाली यूएसबी कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए यूएबी टाइप-सी पोर्ट होना जरूरी है (हर कोई मेरी बात से सहमत नहीं हो सकता)। बजट स्मार्टफोन के साथ-साथ सभी स्मार्टफोन में यह एक मानक के तौर पर आना चाहिए। हालांकि अभी बहुत से यूजर के लिए टाइप-सी पोर्ट बहुत बडड़ी जरूरत नहीं है लेकिन इसके कई फायदे हैं। यूसबी टाइप-सी से लैस स्मार्टफोन डिफॉल्ट क्विक चार्ज होते हैं और लगभग सभी भारतीय यूजर के लिए यह बहुत बड़ी बात है।



इसके अलावा, यह रिवर्स चार्जिंग को भी सपोर्ट करता है। हालांकि, अभी बहुत सारे निर्माता यूएसबी टाइप-सी एक्सेसरी नहीं बना रहे हैं। अगर बजट स्मार्टफोन में भी यह फीचर आता है तो इसमें बदलाव देखने को मिल सकता है। एलईईको एलई 1एस में टाइप-सी पोर्ट दिया गया है जिससे पता चलता है कि बजट डिवाइस में इस फीचर का होना मुश्किल नहीं है।

3. लेजर एफ/पीडीएफ
फ्लैश के साथ बेहतरीन तस्वीर खींचने के लिए लेजर ऑटोफोकस तकनीक बहुत ज्यादा जरूरी है। इसलिए हर स्मार्टफोन कैमरे को इस तकनीक से लैस होना चाहिए। आसुस ज़ेनफोन 2 लेजर बजट स्मार्टफोन में इस फीचर के साथ उपलब्ध है और यह बात सभी कंपनियों को ध्यान रखना चाहिए।



इन दिनों सभी स्मार्टफोन निर्माता अपने बजट सेगमेंट स्मार्टफोन में कैमरे को एक यूएसपी की तरह पेश कर रहे हैं। ऑटोफोकस फीचर ना होने की वजह से जब आप बेस्ट शॉट नहीं ले पाते हैं तब ऑटोफोकस फीचर लैस स्मार्टफोन जरूरी हो जाता है।

अगर आप किसी स्मार्टफोन के कैमरे को प्रमोट कर रहे हैं तो किसी भी प्यार भरे लम्हे को तस्वीर में कैद करने के लिए अगर स्मार्टफोन के कैमरे में फेज़ डिटेक्शन ऑटो फोकस होना जरूरी है।

4. क्विक चार्जिंग
शायद यह एक सबसे ज्यादा जरूरी फीचर है जो बजट स्मार्टफोन में होना ही चाहिए। अब जबकि इन स्मार्टफोन में बैटरी क्षमता कम है और चूंकि फोन के डिजाइन और उन्हें पतले से पतला बनाने के लिए बैटरी भी छोटी कर दी जाती है तब क्विक चार्जिंग तकनीक बैटरी चार्ज रखने में मददगार होगी। धारे-धीरे यह एक आम फीचर बन रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही यह सभी स्मार्टफोन में अनिवार्य हो जाएगा।



5. एनएफसी
एनएफसी गूगल प्ले इस्तेमाल करने का सबसे सुरक्षित तरीका है और इसे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के भविष्य के तौर पर देखा जा रहा है। इसलिए बजट स्मार्टफोन का एनएफसी इनेबल होना जरूरी है। हालांकि, यह तकनीक सिर्फ सुरक्षित ऑनलाइन पेमेंट तक ही सीमित नहीं है। इसमें अपार संभावनाएं निहित हैं।

बाजार में की एनएफसी टैग उपलब्ध हैं जिससे आप कुछ निश्चित टास्क कर सकते हैं। इससे आप सिर्फ टैग पर टैप कर प्रीसैट टास्क को कर सकेंगे। एनएफसी एक बहुत काम का फीचर है और बजट सेगमेंट में लेनोवो वाइब के4 नोट में यह पहले से उपलब्ध है।

ये पांच फीचर महंगे स्मार्टफोन में देखे जाते हैं लेकिन हाल ही में लॉन्च हुए कई बजट स्मार्टफोन में भी उपलब्ध हैं।



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Tuesday, 15 March 2016

खोये हुए फ़ोन को ढूढ़ने का तरीका -Step to search your lost Smartphone

हमारे आस पास कई ऐसे इंसिडेंट होते है जिसमे कभी किसी का फ़ोन खो जाता है तो कभी कहि छूट जाता है तो कई लोग भूल भी जाते है और जब फ़ोन कई जरूरत होती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है . जब कभी किसी का फ़ोन खोता है तो उसके साथ साथ बहुत सारी परेशानिया झेलनी पड़ती जैसे , कॉन्टेक्ट नंबर ,  पासवर्ड , कुछ जरूरी इनफार्मेशन के साथ डॉक्यूमेंट और इमेजेज खो जाते है . इन सब परेसानी से बचने हा तरीका है क्यों न खोये हुए फ़ोन को ढूढ़ निकले . खोये हुए फ़ोन को ढूढ़ने का तरीका :

  • स्मार्टफोन में लगभग सभी आपने ईमेल आई डी को एक्सेस करते है .  
  • स्मार्टफोन में एक्सेस ईमेल आई डी को लोगिन करे .
  • गूगल सर्च बार में टाइप करे "where's my Phone". और एंटर प्रेस करे`.
  • एंटर प्रेस करते ही गूगल मैप ओपन होगा जो फ़ोन का लोकेशन दिखेगा , 
  • आप इस ओपन विंडो से फ़ोन पर कॉल भी कर सकते है यदि फ़ोन  साइलेंट मोड में हो तब भी फ़ोन रिंग हो सकता है 

Step to Search your phone when it is lost

  • Login to Gmail id which active in your phone
  • Open Google in new tab
  • Type "Where's my phone" in Google search
  • Press enter and see what happen 
  • Google map open auto and show current location of your phone
  • Now you can make a proper call up on your cell phone

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Friday, 11 March 2016

आपको पता होने चाहिए ये टेक्नॉलजी हैक्स - You should know the technology hacks


  • अगर विडियो अटक रहा है या ब्राउजर में Adobe Flash Player नहीं होने का मेसेज आ रहा है तो YouTube HTML5 Player इस्तेमाल करें। इसके लिए विडियो प्लेयर पर राइट क्लिक करके HTML5 प्लेयर चुनें। इससे आप तेजी से विडियो देख पाएंगे।
  • विकिपीडिया के किसी पेज से गैरजरूरी जानकारी हटाने के लिए उस लिंक में शुरुआती 'en' को 'simple' से रिप्लेस कर दीजिए।
  • अगर नेटफ्लिक्स पर विडियो की क्वॉलिटी खराब है तो Ctrl+Shift+Alt+S प्रेस करके एचडी विडियो के लिए बफर रेट 3000 कर दें।
  • अगर आपको कल कोई मेल भेजना था और याद आज आया है, तो आप अपने कंप्यूटर की डेट चेंज करके वह मेल आज भेज सकते हैं। सामने वाले को वह मेल कल की तारीख से ही मिलेगा।
  • अगर आपकी एक्सेल फाइल बहुत हैवी है तो उसे .xlsb टाइप में सेव करें। इसका साइज 50-75 प्रतिशत तक कम हो जाएगा।
  • अगर कोई डाउनलोडेड पीडीएफ फाइल .exe से एंड हो रही है तो इसे डिलीट कर दें। यह वायरस है।
  • अलग-अलग वेबसाइट्स से अपनी पर्सनल डीटेल्स हटाने के लिए accountkiller.com का यूज करें।

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Wednesday, 9 March 2016

इंटरनेट पर पहला इ-मेल ...- First Email on Internet




  1.  हाल ही में ई-मेल के जनक रे टॉमलिंसन का 74 साल की उम्र में निधन हो गया है। 1971 में उन्होंने पहला इलेक्ट्रॉनिक मैसेज भेजने का तरीका खोज निकाला था। आइए जानते हैं इंटरनेट की कुछ ऐसी ही दिलचस्प बातें जो पहली बार हुई थीं। जैसे पहला इंटरनेट विज्ञापन, इंटरनेट पर अपलोड की गई पहली तस्वीर।
  2.  इंटरनेट की दुनिया में पहला रजिस्टर्ड डोमेन नेम Symbolics.com है, जिसको 15 मार्च 1985 पंजीकृत कराया गया था। अब यह एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में कार्य करता है।
  3. पहली वेबसाइट वर्ल्ड वाइड वेब के बारे में जानकारी के लिए समर्पित थी और इसको 6 अगस्त 1991 को लाइव किया गया था। यूआरएल देखिए : http://info.cern.ch/hypertext/WWW/TheProject.html
  4.  इंटरनेट पर अपलोड की गई पहली तस्वीर एक कॉमेडी बैंड (लेस हॉरेबिल करनेट्स) की थी जिसको टिम बर्नर्स ली (वर्ल्ड वाइड वेब के आविष्कारक) ने पोस्ट किया था।
  5. पहला एओएल इंस्टेंट मैसेज 6 जनवरी,1993 को अपनी पत्नी के लिए टेड लियोनसिस ने अपने पत्नी को भेजा था। इसमें लिखा था। "Don't be scared ... it is me. Love you and miss you." उनकी पत्नी ने जवाब दिया, "Wow ... this is so cool!" लियोनसिस बाद में एओएल के वाइस चेयरमैन बन गए।
  6.  Joe McCambley पहला बैनर विज्ञापन था जिसको ऑनलाइन डाला गया।। इसको HotWired.com पर अक्तूबर 1994 में लाइव किया गया था। इसमें 7 कला संग्रहालय एटी एंड टी ने प्रोमोट किया था।
  7.  पहली eBay पर बेचाया सामान एक टूटा हुआ लेजर प्वाइंटर था, जिसको 1995 में 14.83 डॉलर का बेचा गया।
  8. अमेजन पर 1995 में पहली बिकने वाली किताब डगलस होफस्टैड्टर की फॉ‌लिड कॉन्सेप्ट्स एंड क्रिएटिव एनालॉजिस थी।
  9. स्काइप पर पहला वाक्य डेवलपर्स के एक सदस्य ने अप्रैल, 2003 में एस्टोनियाई में बोला 'Tere, kas sa kuuled mind?'  "हैलो, आप मुझे सुन सकते हैं?" (ह‌िंदी में)।
  10.  मार्क जकरबर्ग आईडी नंबर 4 के साथ फेसबुक पर पहला व्यक्ति थे (पहले तीन फेसबुक अकाउंट परीक्षण के लिए इस्तेमाल किए गए थे)। फेसबुक में शामिल होने वाले पहले गैर-संस्थापक Arie Hasit (तस्वीर में) है, जो इसराइल में अब अध्ययन कर रहे हैं।
  11.  पहले यूट्यूब वीडियो सैन डिएगो चिड़ियाघर में सह-संस्थापक जावेद करीम ने पोस्ट किया गया था। यह 23 अप्रैल, 2005 को अपलोड किया गया था और लगभग 10 लाख बार देखा जा चुका है।
  12. पहला ट्वीट 21 मार्च, 2006 को सह-संस्थापक जैक डोर्सी ने  लिखा था।

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Sunday, 6 March 2016

गर्मियों में लैपटॉप की बैटरी का बचाव - Defending laptop battery in Summer

गर्मियों में लैपटॉप के साथ उसकी बैटरी का खयाल रखना बहुत जरूरी है। बैटरी की सेफ्टी के लिए कुछ स्टेप्स फॉलो करेंने होते है । ये स्टेप्स बैटरी के साथ साथ लैपटॉप को भी सेफ रखेंगे :

* चार्जिंग के दौरान लैपटॉप को थोड़ा दूर रखें। चार्जर को अपनी बॉडी के करीब ना रखें।

* बैटरी चार्ज होने के बाद चार्जर अलग कर दें।

* बैटरी अगर ज्यादा जल्दी गर्म होने लगी है तो लगातार लैपटॉप का इस्तेमाल ना करें।

* कूलिंग किट के बाद भी अगर बैटरी गर्म हो रही है तो बैटरी बदलवा लें। लैपटॉप अगर जल्दी डिस्चार्ज हो रहा है तो बार-बार चार्जर अटैच करने पर भी लैपटॉप गर्म हो सकता है। ऐसे में भी बेहतर यही होगा की बैटरी रिप्लेस करवा लें।


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लैपटॉप ओवरहीटिंग रोकने के टिप्स - Tips To Prevent Laptop Overheating


अक्सर ऐसा होता है की आप लैपटॉप या कंप्यूटर को सर्दियों की अपेक्षा गर्मियां में जल्दी गर्म हो जाता है इसको ओवरहीटिंग कहते है और ओवरहीटिंग के कारण गैजेट्स खराब हो सकते हैं। क्यों ना हम इसे ओवरहीट ही ना होने दे । अब हमे कुछ ऐसा करना होगा जिससे हमारे गैजेट्स को ओवरहीटिंग की प्रॉब्लम ना झेलनी पड़े । लैपटॉप ओवरहीटिंग रोकने के लिए आपको कुछ टिप्स को फॉलो करना होगा ।

लैपटॉप ओवरहीटिंग रोकने के टिप्स 

CPU या लैपटॉप बैटरी और फैन की सफाई : कम्प्यूटर का सीपीयू या लैपटॉप बैटरी में अगर धूल जम जाए तो सिस्टम के गर्म होने का खतरा रहता है। इसलिए इनकी एक या दो महीनों में सफाई होती रहनी चाहिए।

कूलिंग किट : लैपटॉप का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स आम तौर पर कूलिंग किट का प्रयोग कर सकते हैं। मार्केट में 300 रुपए से लेकर 3000 तक अलग-अलग रेंज और शेप के कूलिंग फैन्स उपलब्ध हैं। लैपटॉप अगर पुराना हो गया है तो आम तौर पर अधिक इस्तेमाल कर उसमें कूलिंग की समस्या आ ही जाती है। ऐसे में एडिश्नल कूलिंग फैन का इस्तेमाल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।

ध्यान रहे कहां रखा है लैपटॉप : ज्यादातर लैपटॉप नीचे की तरफ से कूलिंग के लिए हवा लेते हैं। ऐसे में अगर लैपटॉप किसी तकिया या कंबल पर रख दिया गया है तो प्रॉपर एयर वेंटिलेशन नहीं हो पाता है। लैपटॉप को किसी फ्लैट सरफेस पर रखा जाए तो उसके गर्म होने की संभावना थोड़ी कम हो जाएगी।



Note : कूलिंग किट के बाद भी अगर बैटरी गर्म हो रही है तो बैटरी बदलवा लें। लैपटॉप अगर जल्दी डिस्चार्ज हो रहा है तो बार-बार चार्जर अटैच करने पर भी लैपटॉप गर्म हो सकता है। ऐसे में भी बेहतर यही होगा की बैटरी रिप्लेस करवा लें।

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Tuesday, 1 March 2016

कुछ निर्देशो का ध्यान रखने से कम्प्यूटर में नहीं आएगा Virus - Direction for computer care


इंटरनेट सर्फिंग करते समय कई बार हमारे कम्प्यूटर या लैपटॉप में जाने-अनजाने वायरस आ जाते हैं। लेकिन अगर आप इंटरनेट सर्फिंग के वक्त इन  बातों का ध्यान रखेंगे तो अपने सिस्टम को वायरस से बचा सकेंगे।

1. हॉलीवुड सेलेब्रिटीज को सर्च करें संभलकर : आपके पसंदीदा हाॅलीवुड सेलेब्रिटी की सर्च के साथ आपके फोन में वायरस आ सकते हैं। वर्ल्ड सेलेब्रिटीज के नाम के साथ कई बार मालवेयर और वायरस अटैच होते हैं।

2015 में Intel Security Group ने द इंटेल सेक्युरिटी मोस्ट डेंजरस सेलेब्रिटीज की लिस्ट जारी की थी। इनको सर्च करने पर कम्प्यूटर और लैपटॉप में 20 प्रतिशत तक वायरस आ गए थे। इनमें कैटी पेरी, ब्रिटनी स्पीयर्स, ल्यूक ब्रायन जैसे 10 नाम शामिल हैं।

इसलिए सेलेब्रिटीज के सीक्रेट फुटेज, कंट्रोवर्सीज पर क्लिक करते वक्त ध्यान रखें। हर लिंक पर क्लिक न करें। ट्रस्टेड वेबसाइट या सेलेब्रिटीज की ऑफिशयल वेबसाइट पर जाकर ही आर्टिकल्स पढ़ें।

2. पहचाने सिक्योर वेबसाइट : अब तक 'http' को किसी भी वेबसाइट की सिक्योरिटी का सर्टिफिकेट माना जाता है। लेकिन कई बार 'http' वाली वेबसाइट्स से भी वायरस आ जाते हैं। इसलिए कभी भी अननोन साइट्स पर जाने से पहले चेक करें कि एड्रेस बार में  'https' से पहले लॉक का logo है नहीं।

3.क्लाउड सर्विस का यूज करते वक्त रखें ध्यान : आज के समय में क्लाउड सर्विस अपने डाटा को सेफ रखने का एक अच्छा ऑप्शन बन गया है। लेकिन यहां से आपके सिस्टम में आसानी से वायरस आ सकते हैं। जब भी क्लाउड सर्विस का यूज करें तो ध्यान रहें कि आपका डाटा Encryption मोड में हो।

4.  एडवांस्ड एंटीवायरस करें इन्स्टॉल  : एंटीवायरस तभी अच्छी तरह काम करता है, जब उसे अपडेट रखा जाए। virus, worms और Trojan horses हर रोज बनते हैं। इनसे लड़ने के लिए एंटीवायरस अपडेट होना जरूरी है। मार्केट में ऐसे कई एंटीवायरस मौजूद हैं, जिनमें रोज नए वायरस को सर्च कर खत्म करने का फीचर उपलब्ध है। ऐसे एंटीवायरस इन्स्टॉल कर वायरस से बचा जा सकता है।

5. ऑनलाइन मूवीज देखना है सेफ   : टोरेंट जैसी मालवेयर फ्री कही जाने वाली मूवीज, सॉन्ग और अन्य मीडिया डाउनलोड करने की ऐसी कई साइट्स पर भी वायरस इंफेक्टेड एड होते हैं। ये बगैर इंटरेक्शन के डायरेक्ट आपके सिस्टम में आ जाते हैं। मूवीज डाउनलोडिंग न करके इन्हें ऑनलाइन देखने से वायरस आने की संभावना कम हो जाएगी।

6. डेली स्कैनिंग : डिवाइस में सिर्फ एंटी वायरस डाउनलोड कर लेने से आपकी डिवाइस वायरस से सेफ नहीं है। आपको इसे वायरस से बचाने के लिए रेग्युलर स्कैन करना जरूरी है। कम्प्यूटर और लैपटॉप पर काम करने से पहले रोज उसे स्कैनिंग पर लगा देना चाहिए। इससे डिवाइस वायरस फ्री होने के साथ ही स्पीड से काम करेगी।

7. अपडेट मैसेज को न करें इग्नोर : Adobe Flash, Java और ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर बार-बार आने वाले अपडेट्स  हो सकता है आपको परेशान करते हों, लेकिन इनको समय-समय पर अपडेट करने से आप अपने सिस्टम को मालवेयर और वायरस अटैक से बचा सकते हैं।

8. ईमेल अटैचमेंट को भी करें स्कैन : वायरस के बचने के लिए ईमेल को स्कैन करना भी जरूरी है। यह फीचर एंटी वायरस में होता है। मेल रिसीव होने पर उसके अचैटमेंट्स को स्कैन करने के बाद ही डाउनलोड करना चाहिए, भले ही सेंडर आपके पहचान का हो। इससे आपकी सिस्टम में वायरस आने की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी।

9. पेन ड्राइव को स्कैन के बाद ही यूज करें : पेन ड्राइव डाटा शेयरिंग के लिए अच्छा ऑप्शन होती है लेकिन सिस्टम सबसे ज्यादा वायरस भी इससे आते हैं। पेन ड्राइव को स्कैन करने के बाद ही उसे सिस्टम में लगाएं।

10. अवॉइड करें ऐसे फोन कॉल्स  :अगर आपके पास ऐसा कोई फोन कॉल आता है जिसमें कॉलर आपको गूगल, माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का अधिकारी बताकर आपके सिस्टम में प्रॉब्लम बताते हुए कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहता है तो उसे सीधे मना कर देना चाहिए। अगर आप ऐसे किसी भी सॉफ्टवेयर को डाउनलोड कर लेते हैं तो आपका सिस्टम से वायरस अफेक्टेड हो सकता है।

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स्मार्टफोन के बारे में झूठ हैं ये - Most Common Myths About Smartphones

स्मार्टफोन की बैटरी, कैमरा, प्रोसेसर और ऐप्स से जुडी झूठ और सच्चाई

 स्मार्टफोन के झूठ


  1.  प्रोसेसर डबल करने से ही फोन की परफॉर्मेंस डबल हो जाती है।  
  2. ज्यादा मेगापिक्सल मतलब बेहतर फोटोग्राफी। 
  3. स्क्रीन को स्क्रैच से बचाने के लिए ​स्क्रीन प्रोटेक्टर लगाना जरूरी है। 
  4. स्मार्टफोन में वायरस और मालवेयर आते हैं। 
  5. ऐप्स बंद करने से फोन की परफॉर्मेंस बढ़ जाएगी। 
  6.  लोकल चार्जर का इस्तेमाल करने से बैटरी फट जाती है।
  7. थर्ड पार्टी ऐप्स बैटरी लाइफ बढ़ाने में मदद करते हैं। 
  8. ब्लूटूथ या वाई-फाई के ऑन होने से फोन की बैटरी जल्दी डिस्चार्ज होती है। 
  9. मैगनेट के पास रखने से फोन का डाटा रिमूव हो जाएगा। 
  10. चार्जिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 


स्मार्टफोन की सच्चाई


  • आप फोन की चिप को सिंगल कोर से डुअल कोर कर देते हैं। फिर डुअल कोर से क्वाड कोर कर देते हैं। लेकिन फोन के बाकी रिसोर्सेस तो वही रहते हैं। ऐसे में इन सभी कोर को एक ही बैटरी और लिमिटेड मेमोरी से काम चलाना पड़ता है। ऐसे में सिर्फ प्रोसेसर को डबल करने से ही फोन की परफॉर्मेंस डबल नहीं होगी।
  • स्मार्टफोन का बेस्ट फीचर होता है इसका डिजिटल कैमरा। अगर आपको लगता है कि ज्यादा मेगापिक्सल होने से इमेज क्वालिटी बेहतर होगी तो आप गलत सोच रहे हैं। ज्यादा मेगापिक्सल किसी इमेज को बड़ी शीट पर प्रिंट करने के लिए यूजफुल होता है। फोटो की इमेज क्वालिटी कैमरे की शटर स्पीड और अपर्चर पर निर्भर करती है, न कि मेगापिक्सल पर। 
  •  स्क्रीन को स्क्रैच से बचाने के लिए हम सभी फोन में स्क्रीन प्रोटेक्टर/ स्क्रीन गार्ड लगाते हैं। लेकिन अब लगभग सभी स्मार्टफोन कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास और स्क्रीन प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी के साथ आते हैं जो कि स्क्रीन को प्रोटेक्ट करने में केपेबल हैं। यानी स्क्रीन प्रोटेक्टर लगाना जरूरी नहीं है। 
  •  टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप थर्ड पार्टी या अनऑथराइज्ड सोर्स से ऐप डाउनलोड करते हैं, तभी आपके फोन में मालवेयर आएगा। एंड्रॉइड डिवाइसेस की बात की जाए तो अगर आप Google प्ले स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करते हैं तो आपके फोन में मालवेयर नहीं आ सकता। ठीक ऐसा ही आईफोन के साथ है। 
  •   ये सच नहीं है। रिसेंटली यूज्ड ऐप्स बैकग्राउंड में नहीं चल रहे होते हैं, बल्कि वो रैम में स्टोर होते हैं ताकि आप फिर से उनका इस्तेमाल करना चाहें तो तुरंत से उन पर जा सकें। इसलिए रिसेंटली यूज्ड ऐप्स को बंद करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे आपके फोन की परफॉर्मेंस पर कोई नेगेटिव असर नहीं डालते। 
  • स्मार्टफोन बैटरी में ब्लास्ट होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें लोकल चार्जर का हाथ नहीं होता। जब तक चार्जर ठीक से काम कर रहा है, बैटरी को कोई नुकसान नहीं होगा, फिर चाहे चार्जर किसी भी कंपनी का हो। ऑरिजनल चार्जर भी अगर खराब हों तो स्मार्टफोन बैटरी खराब हो सकती है।
  •  सबसे बड़े मिथकों में से एक ये है कि बैटरी ऑप्टिमाइजिंग ऐप्स फोन की बैटरी लाइफ बढ़ाने में मदद करेंगे। हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होता। कई बैटरी ऐप्स तो बैटरी बैकअप के मामले में कोई भी मदद नहीं करते। कुछ एक जो मदद करते हैं, वो भी सिर्फ बैटरी मैनेजमेंट में हेल्प करते हैं। इनका काम बाकी ऐप्स का ध्यान रखना होता है, बैटरी बैकअप बढ़ाना नहीं।
  • अक्सर कहा जाता है कि अगर यूज नहीं कर रहे हैं तो ब्लूटूथ या वाई-फाई बंद कर देना चाहिए, इससे बैटरी खत्म होती है। लेकिन सच तो ये है कि बैटरी तभी खर्च होती है, जब ब्लूटूथ या वाई-फाई इस्तेमाल में आ रहे हों। सिर्फ ऑन रहने से बैटरी खर्च नहीं होती।  
  • फोन का डाटा SD कार्ड में स्टोर होता है। अगर आपको लगता है कि मैगनेट के पास रखने से डाटा रिमूव हो जाएगा तो ये सच नहीं है। मैगनेट आस-पास होने से स्मार्टफोन की स्टोरेज पर कोई असर नहीं पड़ता।
  • ये एक गलत धारणा है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल चार्जिंग के दौरान करने से वो या तो बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है या फिर बर्स्ट हो जाता है। फोन अगर जरूरत से ज्यादा हीट हो रहा है तो इसमें फोन के हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर की प्रॉब्लम हो सकती है। चार्जिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल करने से इतनी ज्यादा परेशानी नहीं होती है।


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